काेरोना संक्रमण की महामारी से जूझ रहे जरूरतमंद लोगों के हिस्से के राशन में भी गड़बड़ी करने से अधिकारी नहीं चूक रहे। प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई दस किलो आटा देने की योजना के लिए नागरिक खाद्य आपूर्ति विभाग द्वारा तैयार किए गए दस किलो आटे के कट्टों में दो से तीन किलो तक आटा कम निकल रहा है। हालांकि गड़बड़ी पकड़े जाने के बाद एक किलो आटा कम होने की बात विभाग के अधिकारी खुद स्वीकार रहे हैं। जिला आपूर्ति नियंत्रक चंद्रभान सिंह ने कहा कि सौ किलो गेहूं देने के बदले फ्लोर मिल संचालकों ने 90 किलो आटा दिया है।
10 किलो के पैकेट में कम आटा होने की पहली शिकायत नई सड़क पर हरि निर्मल टॉकीज के सामने स्थित राशन की दुकान की मिली। यहां पर एक व्यक्ति ने जब पैकेट का वजन कराया तो वह 8.85 किलो निकला। इसके बाद दुकान पर खड़े अन्य परिवारों के सदस्यों ने भी आपत्ति करते हुए हंगामा कर दिया। इसी बीच एसडीएम व क्षेत्र के इंसीडेंट कमांडर सीबी प्रसाद मौके पर पहुंचे। इन्होंने भी वजन कराया और सूचना प्रशासनिक अधिकारियों को दी। पैकेटों में लगातार आटा कम निकलने की शिकायत शुक्रवार को सुबह लश्कर क्षेत्र के लोगों ने विधायक प्रवीण पाठक से की। वे दौलतगंज स्थित एक सेंटर पर पहुंचे तो उनके सामने तौले गए पैकेट में भी साढ़े सात किलो आटा निकला। विधायक का कहना था कि गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाए। पूर्व विधायक मुन्नालाल गाेयल ने भी कलेक्टर को पत्र लिखकर दोषियों के खिलाफ मामला दर्ज कराने का आग्रह किया।
दोषियों पर कार्रवाई करेंगे
पीडीएस के माध्यम से पात्र परिवारों को बांटे जा रहे आटा पैकेट का वजन 10 किलो से कम होने की सूचना सोशल मीडिया के माध्यम से मिली है। इसकी जांच अपर कलेक्टर टीएन सिंह व संयुक्त कलेक्टर विनोद भार्गव को सौंपी गई है। जांच में जो भी दोषी होंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
-कौशलेंद्र विक्रम सिंह, कलेक्टर
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