भानपुर स्थित शबरी नगर में एक ही परिवार के 4 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद इलाके में दहशत है। घर में अब 11 साल का बेटा और उसकी मां ही है। इनके भी सैंपल लिए गए हैं, लेकिन अभी तक रिपोर्ट नहीं आई है। महिला ने बताया कि उनके पति प्राइवेट नौकरी करते हैं। 7 अप्रैल को उनके साथ पार्ट टाइम काम करने वाला स्वास्थ्य विभाग का एक कर्मचारी कोराना पॉजिटिव पाया गया। यह जानकारी मिलते ही उनके पति ने भी 8 अप्रैल को टेस्ट कराया था।
जाे नंबर दिए उन पर फोन रिसीव ही नहीं होता
महिला ने बताया कि 12 अप्रैल को उनके पति की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसके बाद कुछ डॉक्टर, पुलिस के साथ घर आए और उन्हें चिरायु अस्पताल ले गई। मैं, मेरा बेटा और तीनों बेटियों (22, 20,15 वर्षीय) के भी सैंपल लिए। 16 अप्रैल को मेरी तीनों बेटियों की रिपोर्ट भी कोराना पॉजिटिव आई। गुरुवार देर रात ही डॉक्टर व पुलिस तीनों बेटियों को भी चिरायु ले गईं। जब मेरे पति को टीम ले गई थी तो एक नंबर दिया था। कहा था कि वह हर दिन फोन करके हालचाल जानेंगे। शुरुआत के 2 दिन ही फोन आया। जब हमने उन नंबरों पर फोन लगाया तो किसी ने कॉल रिसीव नहीं किया। महिला ने बताया कि पति और बेटियों का इलाज अस्पताल में चल रहा है। मैं आैर मेरा बेटा घर में ही कैद हैं। बाहर आ-जा नहीं सकते। ऐसे में दूध समेत अन्य जरूरी सामान के लिए किससे कहें। शासन की ओर से सलाह दी गई थी कि घर से मत निकलना, लेकिन अब तक कोई मदद नहीं मिली।
सिस्टम के मुताबिक ही सब कर रहे ड्यूटी
कलेक्टर तरुण पिथोड़े ने बताया कि हम सभी कि मदद कर रहे हैं। इसके लिए एक सिस्टम बनाया गया है। सभी उसी के अनुसार अपनी ड्यूटी लगातार कर रहे हैं। फिर भी किसी मरीज के परिवार को परेशानी हो रही है, तो उसे दिखवा लेता हूं।
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