लॉकडाउन में शहरभर में पुलिस की गश्त और मुस्तैदी के दावों को बदमाशों ने झूठा साबित कर दिया। इंदरगंज थाने से महज 300 मीटर दूर सिंडिकेट बैंक(जयेंद्रगंज शाखा) को बदमाशों ने बीती रात निशाना बनाया। बदमाशों ने पहले बैंक के पिछले हिस्से की दीवार में बने रोशनदान को तोड़ा, फिर अंदर घुसकर स्ट्रांग रूम की दीवार तोड़ने की कोशिश की। स्ट्रांग रूम के अंदर ही लॉकर बने हुए हैं। इसमें करोड़ों रुपए और जेवर रखे हुए थे। बदमाश जब स्ट्रांग रूम की दीवार नहीं तोड़ पाए, तब गुस्से में यहां रखे डिपोजिट स्लिप व अन्य कागज जला दिए, ताकि पूरी बैंक में आग लग जाए। लेकिन आग सिर्फ कागजों में ही लग पाई।
सीसीटीवी कैमरे की टाइमिंग के मुताबिक, यह घटना रात 12.02 बजे की है, जब एक बदमाश बैंक के अंदर नजर आया है। हालांकि टाइमिंग को लेकर बैंक प्रबंधन का कहना है कि इसकी टाइमिंग 10-15 मिनट मिसमैच है। फुटेज बहुत धुंधला है, क्योंकि सीसीटीवी कैमरा थर्मोसेंसर तकनीक का है इसलिए सिर्फ बदमाश का हुलिया परछाई जैसा ही नजर आ रहा है, चेहरा स्पष्ट नहीं है। बदमाश ने बड़ी चालाकी से अंदर घुसने के बाद कैमरे का वायर भी काट दिया, इस वजह से उसके भागने का समय स्पष्ट नहीं हुआ है। बैंक के अंदर लगे सभी आठ कैमरों की रातभर की रिकॉर्डिंग पुलिस ने मांगी है। बताया जाता है कि बैंक में घुसने से पहले बदमाशों ने अासपास की कुछ दुकानों के शटर भी तोड़ने की कोशिश की, लेकिन मुख्य मार्ग होने के कारण वह ऐसा नहीं कर सके।
बदमाशों ने बैंक के अंदर घुसने के लिए बाकायदा पूरी प्लानिंग की। जिस भवन में बैंक संचालित है, उसकी छत के रास्ते पहली मंजिल पर आए। यहां लगी ग्रिल उखाड़ी, फिर बैंक के पिछले हिस्से के जरिये अंदर घुस गए। अनुमान है कि बदमाशों की संख्या दो से तीन रही होगी। साथ ही यह भी आशंका है, जिसने भी यह वारदात की है, वह कोई ऐसा है, जिसे यहां के बारे में सबकुछ पता है। बदमाशों का यह दुस्साहस तब है, जब शहर की सड़कों पर लॉकडाउन की वजह से सिर्फ पुलिस है। इस घटना ने एक बार फिर शहर की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इसमें बड़ी बात तो यह है कि जिस बैंक में यह वारदात हुई, उसके बाहर एटीएम बूथ भी है, लेकिन यहां सिक्योरिटी गार्ड तक नहीं था। इंदरगंज पुलिस ने बदमाशों की तलाश में आसपास के कुछ नशेड़ियों को राउंडअप किया है।
डॉग पहली मंजिल तक गया, फिर भटक गया रास्ता
जिस भवन में बैंक संचालित है, वह भवन नीरज जैन निवासी दाल बाजार का है। ग्राउंड फ्लोर के ऊपर एक और मंजिल है। ग्राउंड फ्लोर पर बैंक और दुकान हैं। पहली मंजिल पूरी तरह खाली है। बैंक के ठीक पीछे नीरज का ही एल्यूमीनियम का गोदाम है। फिलहाल लॉकडाउन की वजह से गोदाम बंद है। छत से पहली मंजिल की तरफ आने वाली सीढ़ियां बंद हैं। यहां चैनल और ताला डला हुआ है। पहले बदमाशों ने ताला तोड़ा। आशंका है पड़ोसी की छत से यह लोग चढ़े हैं।
ताला तोड़कर बदमाश पहली मंजिल पर आए। पहली मंजिल पर चारों तरफ लोहे की ग्रिल लगी हैं, जिससे कोई भी नीचे न आ सके। बैंक की तरफ वाली एक ग्रिल तोड़कर बदमाश किसी कपड़े या नसेनी के सहारे नीचे उतरे। एक कपड़े का टुकड़ा यहां मिला, इसलिए आशंका है कपड़ा बांधकर ही नीचे उतरे हों। यहां से नीचे उतरने के बाद जहां जनरेटर लगा है, वहां से रोशनदान तोड़ा और अंदर घुस गए। बैंक के पिछले हिस्से में दाहिनी तरफ स्ट्रांग रूम है, इसकी दीवार तोड़ने की कोशिश की गई। सरिये या किसी भारी वस्तु से इसे तोड़ा गया, दीवार खुदी भी मिली है। लेकिन कुछ देर कोशिश करने के बाद जब इसे तोड़ने में बदमाश नाकाम हो गए तो यहां पड़े कागजों में आग लगाकर पीछे के ही रास्ते से भाग गए।
पुलिस ने ट्रैकर डॉग और फिंगरप्रिंट एक्सपर्ट भी बुलवाए। डॉग को मार्केट के रास्ते पीछे ले जाया गया, वह पहली मंजिल तक गया, फिर भटक गया। इसके बाद फिर पड़ोसी की छत की तरफ गया।
सुबह बैंक खुली, तब पता चली घटना
शुक्रवार से सुबह 8 बजे बैंक खोलनी थी, क्योंकि जनधन खाताधारकों को आए पैसों का वितरण होना था इसलिए स्टाफ सुबह 8 बजे ही पहुंच गया। जैसे ही बैंक खुला तो अंदर धुआं भरा हुआ था। पहले तो बैंक स्टाफ को लगा कि आग लग गई है। तुरंत फायर ब्रिगेड को सूचना दी लेकिन अंदर कागजों में ही आग लगी थी इसलिए आग बुझ चुकी थी। जब अंदर गए तो स्ट्रांग रूम की दीवार खुदी थी, पीछे रोशनदान टूटा पड़ा था, तब पता लगा कि चोरी का प्रयास हुआ है।
डेढ़ घंटे बैंक के अंदर रहा बदमाश
सीसीटीवी कैमरे के फुटेज के अनुसार एक बदमाश बैंक के अंदर करीब डेढ़ घंटे तक रहा। वह कैश काउंटर व मेन गेट तक भी गया। इसके बाद स्ट्रांग रूम की तरफ गया। जब पूरी तरह नाकाम हो गया, तब वह भागा।
जानिए... इसलिए बच गए करोड़ों रुपए
सिंडिकेट बैंक के शाखा प्रबंधक भूपेंद्र पाटीदार के मुताबिक, स्ट्रांग रूम बनाने के लिए जिस तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है, वह गृह मंत्रालय और आरबीआई की गाइडलाइन के अनुसार है। इसमें लोहे के सरिये, जिन्हें बनाने के लिए सिर्फ दो ही कंपनी अप्रूव्ड हैं, वह सरिया इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा दीवार भी विशेष तकनीक के हिसाब से बनाई जाती है। यह इतनी मजबूत होती है कि काफी अधिक तापमान भी इसका कुछ नहीं बिगाड़ सकता, आग भी लग जाए तो स्ट्रांग रूम पूरी तरह सुरक्षित रहता है।
9 संदेहियों को उठाया है, पूछताछ चल रही है
बैंक के अंदर जो बदमाश दिख रहा है, उसकी पहचान के लिए इंदरगंज और आसपास के इलाकों के 9 संदेहियों को उठाया है। इनसे पूछताछ चल रही है। सड़क पर लगे कैमरे भी खंगाल रहे हैं, जिससे ऐसा फुटेज मिल सके कि बदमाश का चेहरा स्पष्ट समझ आए। गश्त को और प्रभावी बनाने के लिए अब रात्रि गश्त में तैनात अफसरों का औचक निरीक्षण करेंगे। जहां दुकानें और बैंक हैं, वहां गश्त बढ़ाई जाएगी।
-सतेंद्र तोमर, एएसपी
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