गर्मी के साथ भोजन नहीं मिलने के कारण कुत्ते इन दिनों हिंसक हो रहे हैं। यही कारण है कि प्रतिदिन जेएएच, सिविल अस्पताल हजीरा और जिला अस्पताल मुरार में कुत्ते द्वारा काटने से पीड़ित मरीज पहुंच रहे हैं। जेएएच और सिविल अस्पताल हजीरा में लॉकडाउन के चलते कुत्ते काटने से पीड़ित मरीज को लगाए जाने वाले एंटी रैबीज के इंजेक्शन नहीं लग रहे हैं। लिहाजा इन मरीजों को जिला अस्पताल भेजा जा रहा है। जिला अस्पताल में स्थिति यह है कि प्रतिदिन 60 से अधिक मरीजों को एंटी रैबीज के इंजेक्शन लग रहे हैं। 25 मार्च से अब तक 23 दिन में रविवार और शासकीय अवकाश को छोड़ दिया जाए तो 15 दिन में 918 मरीजों को एंटी रैबीज के इंजेक्शन लगाए जा चुके हैं। शुक्रवार को दोपहर 1 बजे तक 58 मरीजों को एंटी रैबीज के इंजेक्शन लगाए गए। लॉकडाउन के दौरान 25 मार्च और 1 अप्रैल को सबसे अधिक 80-80 मरीजों को एंटी रैबीज के इंजेक्शन लगाए गए।
जानवरों को खाना नहीं मिल पा रहा है। गर्मी भी बढ़ गई है। भूख और गर्मी के चलते कुत्ते के काटने की घटनाओं में इजाफा हुआ है।- डॉ. उपेंद्र यादव, पशु चिकित्सक
कुत्ते काटने से पीड़ित इन दिनों अधिक आ रहे हैं। जिला अस्पताल मुरार में मरीजों की सुविधा को देखते हुए कुत्ते काटने के इंजेक्शन लग रहे हैं। - डॉ. डीके शर्मा, सिविल सर्जन
डॉक्टर ने जिला अस्पताल मुरार भेजा
- गुढ़ा निवासी रेखा कुशवाह के बेटे को कुत्ते ने काट लिया था। वह बेटे को दिखाने जेएएच गईं। डॉक्टरों ने कहा कि यहां इंजेक्शन नहीं लग रहे हैं। अगर इंजेक्शन लगवाना है तो बाजार से खरीद लाओ, नहीं तो जिला अस्पताल मुरार जाओ। रेखा ने इसकी शिकायत एसडीएम से की थी। उन्होंने ने भी जिला अस्पताल जाने को कहा।
- किलागेट निवासी वर्षा प्रधान के बेटे कृष्ण मुरारी को दो दिन पहले कुत्ते ने काट लिया। वह बेटे को लेकर सिविल अस्पताल हजीरा गईं। कृष्ण मुरारी की मां वर्षा प्रधान ने बताया कि डॉक्टरों ने कहा कि यहां कुत्ते काटे के इंजेक्शन नहीं लग रहे हैं। जिला अस्पताल जाओ। इसलिए जिला अस्पताल जाकर बच्चे को इंजेक्शन लगवाना पड़ा।
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