
पहले 21 दिनों का लॉकडाउन और अब 19 दिन ओर बढ़ा दिया गया। यानि कि 25 मार्च से शुरु हुआ लॉकडाउन 3 मई तक होने के निर्देश दिए गए है। ऐसे में कई ऐसे लोग है जोकि दिन में कमाते थे रात को उसी से राशन खरीद खाते थे। ऐसा नहीं कि पुलिस या प्रशासन ने राशन नहीं पहुंचाया। इस समय में सारे लोग एकजुट हुए फिर चाहे वह पुलिस-प्रशासन हो, कोई एनजीओ हो, कोई धार्मिक संगठन हो या फिर कोई अन्य।
इस सब के बीच होटल एसोसिएशन के प्रधान दविंदर कुमार और फेज-5 शाहीमाजरा स्थित प्राचीन शिव मंदिर के पुजारी इंद्रमणि त्रिपाठी ने मिलकर ऐसा रास्ता निकाल लिया कि जरूरतमंद लोगों को रोजाना खाना व अन्य सामान भी मिल रहा है और वह भी सोशल डिस्टेंस मेंटेन करवाकर। इन दोनों ने मिलकर खाने के लिए पर्ची सिस्टम कर दिया। पहले पर्ची लो और उसके बाद खाना मिलेगा।
मंदिर के बाहर सुबह मिलती है पर्ची उसके बाद दोपहर को खाना
पुजारी इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि लोगों की भीड़ जमा न हो और जो आए वह सोशल डिस्टेंसिंग प्रॉपर मेंटेन कर इसके लिए पहले बांटने वाले खाने के लिए पर्ची दी जाती है। पर्ची पर बाकायदा साइन होते हैं। ताकि कोई जाली पर्ची न लेकर आ जाए। उसके बाद दोपहर को खाना बांटा जाता है। पर्ची सुबह शाहीमाजरा के मंदिर से मिलती है और खाना कई बार जेडी होटल के बाहर तो कई बार मंदिर के बाहर से ही बांटा जाता है।
होटल एसोसिएशन प्रेजीडेंट व जेडी होटल ऑनर दविंदर कुमार ने बताया कि रोजाना उनके होटल में 400 लोगों का खाना बनाया जाता है और जिसको बाद में बांटा जाता है। मात्र खाना ही नहीं खाने के साथ-साथ जूस आदी भी कई बार दिए जाते हैं। जब लॉकडाउन शुरु हुआ तो खाने के लिए लोगों की लाइन लग जाती थी। जिसमें बच्चे भी शामिल होते थे। लेकिन तभी इस सिस्टम को बदला गया है। ताकि छोटे बच्चे बीच में न आए और जिनको जरूरत है उन्हींं को सामान मिले।
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