गर्मी में लोगों को पूरा पानी मिले। इसके लिए बलटाना के सैनी विहार फेज दो में एक नए लगे टयूबवेल का बिजली कनेक्शन जोड़ने के बाद सोमवार को पानी की सप्लाई शुरू की गई। यहां यह टयूबवेल काफी दिन से लगा था लेकिन बिजली के कनेक्शन के कारण इसे शुरू नहीं किया जा रहा था। टयूबवेल शुरू करने का काम एक बच्ची भाविका ने किया।
हरजीत सिंह मिंटा ने कहा कि पावरकाम को बिजली कनेक्शन जोडने के लिए कहा। इसके बाद यहां सोमवार को बिजली कनेक्शन मिलने के बाद यह काम शुरू किया गया। इससे लोगों को घराें के अंदर पानी मिलेगा। नए टयूबवेल की यहां जरूरत थी।यह टयूबवेल पहले जनरेटर सेट से इसे चालू किया गया था। अब इसे बिजली कनेक्शन से जोड़ दिया गया है। नए टयूबवेल लगने के बाद यहां के सैकड़ों परिवारों को पानी कमी पूरा हो जाएगा। इन ट्यूबवेल्स के लगने के बाद यहां पानी की कमी दूर हो जाएगी।
पूरे टयूबवेल होने पर भी रहती है पानी की कमी
स्थित जीरकपुर में पब्लिक को पर्याप्त पानी देने के लिए करीब 80 ट्यूबवेल लगे हैं। अपार्टमेंट्स के ट्यूबवेल भी गिने तो यह संख्या 90 के ऊपर ही पहुंचती है। यहां के 31 वार्ड्स में बंटे एरिया को एवरेज 3 टयूबवेल हरेक वार्ड को मिले है। डेढ़ लाख से कुछ ज्यादा की जनसंख्या वाले इस शहर के लिए 90 ट्यूबवेल्स कम नहीं है। इसके बावजूद भी यहां पानी लो प्रेशर रहता है। नलों में मीटर न लगे होने के कारण लोग ज्यादा से ज्यादा पानी का इस्तेमाल करते है। अगर पानी की मोटर लगी हो तो उसे तब तक बंद नहीं करते जब तक छत में लगी पानी की टंकी भरकर उसमें से काफी देर तक पानी बाहर न बहना शुरु हो जाए। लोग पानी की अहमियत को नहीं समझते है। मीटर न होने की वजह से उपभोक्ताओं से इसकी कीमत भी नहीं वसूल हो रही है।
पानी बेचने वाले भी उठा रहे फायदा
एमसी का पानी की सप्लाई पर कोई कंट्रोल न होने की वजह से यहां लोगों को पीने के लिए जो पानी सप्लाई किया जाता है, उसी पानी को स्टाेर कर लोग बॉटलों और बड़े कैन में भरकर बेचने का धंधा भी चलाया जा रहा है। अगर इन सभी लोगों की वेरीफिकेशन कर इन्हें मीटर के आधार पर पानी दिया जाए तो हर महीने एमसी को लाखों रुपए की कमाई होगी। कई लोगों ने पानी बेचने का धंधा शुरू किया हुआ है। इसी तरह अन्य कई सर्विस स्टेशन भी अवैध तौर पर चल रहे हैं।
पीने के पानी की बर्बादी को रोकने के लिए एमसी के पास स्टाफ नहीं
जीरकपुर एमसी के पास स्टाफ की कमी के कारण पानी की बर्बादी करने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। एमसी की ओर से एक भी चालान नहीं हुआ। जबकि रोजाना यहां हजारों लीटर पानी का मिसयूज हो रहा है। ऐसा ही चलता रहा तो लोगाें को पीने का पानी दे पानी एमसी के लिए मुश्किल हो जाएगा। यहां पहले से ही कम प्रेशर से पानी दिया जा रहा है। पानी का मिसयूज होने से इसकी मात्रा और कम हो रही है।
मीटर लगने पर ही रुकेगा पानी का मिसयूज:
जीरकपुर में पानी मिसयूज हो रहा है। एमसी लोगों के हित के लिए हर घर को पानी तो मुहैया करवा रही है, पर कई लोग इसका गलत फायदा उठा रहे हैं। एमसी द्वारा अब तक यहां पानी के कनेक्शन पर मीटर नहीं लगाए गए हैं। इससे पता नहीं चलता कि किसने कितना पानी इस्तेमाल किया। इस बात का डर न होने की वजह से कई लोग पानी काे खूब बर्बाद कर रहे हैं। इसके बदले में जीरकपुर एमसी को पानी का तो नुकसान है ही, मीटर न होने की वजह से उपभोक्ताओं से इसकी कीमत भी नहीं वसूल हो रही है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2REbn2j
No comments:
Post a Comment