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जिले में 20 मार्च से अब तक 100 लोगों की अस्थियां श्मशान में रखी गईं, गंगा में विसर्जन करने के लिए कर्फ्यू खत्म होने का है इंतजार

कोरोना के कारण जहां जनजीवन ठप हो गया है वहीं मृतकों की अस्थियों को भी गंगा जी में विसर्जित करने के लिए मृतकों के परिजन हरिद्वार नहीं जा पा रहे है। 20 मार्च से अब तक जिले में 100 से मृतकों की अस्थियों को विसर्जित नहीं किया जा सका है। जबकि इससे अधिक अस्थियों को नहरों व सतलुज नदी में विसर्जित किया जा चुका है।


दरअसल हिंदू रीति रिवाजों के अनुसार मृतक की अस्थियों को हरिद्वार जाकर गंगा नदी में विधि अनुसार पूजा करके विसर्जित किया जाता है। पर 22 मार्च से लगातार कर्फ्यू के कारण लोग अस्थियों को विसर्जित करने के लिए हरिद्वार नहीं जा पा रहे हैं। यदि किसी तरह लोग हरिद्वार चले भी जाएं तो लॉकडाउन के चलते पूजा करने के लिए पंडित भी नहीं मिलते।

सिटी व छावनी श्मशान में 21 शवों की अस्थियां नहर व नदी में की गईं विसर्जित

लॉकडाउन के बाद जितने शवों के अंतिम संस्कार हो रहे हैं उनमें से कुछ लोग अपने दिवंगतों की अस्थियों को नहर या नदी में विसर्जित कर रहे हैं पर करीब आधी संख्या ऐसी है जो अस्थियों को श्मशान में ही रख रहे हैं और विसर्जित करने के लिए स्थिति के सामान्य होने का इंतजार कर रहे हैं। फिरोजपुर सिटी में 20 मार्च से आज तक 30 शवों के अंतिम संस्कार हुए हैं जिनमें से 16 की अस्थियों को यहीं पर रखा गया है जबकि 14 मृतकों की अस्थियों को उनके परिजनों द्वारा नहरों या नदी में विसर्जित किया जा चुका है।

इसी प्रकार फिरोजपुर छावनी के श्मशान में 13 शवों के अंतिम संस्कार किया गया है जिनमें से 6 शवों की अस्थियों को यहां पर रखा गया है। इसी प्रकार जिले की बात करें तो गंगा में विसर्जित होने वाली अस्थियों की संख्या 100 से अधिक है। फिरोजपुर शहर के श्मशान भूमि की सुधार कमेटी के पदाधिकारी प्रवीण मल्होत्रा ने कहा कि लोग अपने परिजनों की अस्थियों को विसर्जित करने के लिए इस माहौल में हरिद्वार जाना भी नहीं चाहते और न ही वहां पर अब विधि अनुसार पूजा हो सकती इस लिए अस्थियों को यहीं पर रखा जा रहा है।

डीसी की अपील पर आगे आईं युवा संस्थाएं दिक्कत आने पर संस्कार के लिए देंगी जगह

डीसी फिरोजपुर कुलवंत सिंह की तरफ से अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ने वाले मरीजों के संस्कार में रुकावट न पैदा करने की अपील का असर देखने को मिल रहा है। सोमवार को कुछ सामाजिक संस्थाएं इस मामले में मदद के लिए आगे आईं और जिला प्रशासन को इस तरह के मामले में पूरा सहयोग देने की बात कही। शहीद ए वतन यूथ आर्गनाइजेशन और ग्रीन फील्ड रिजोर्ट से सरपंच मनविंदर सिंह संधू उर्फ मनी, गुरनाम सिंह टिब्बी ने डीसी से मुलाकात की और कहा कि इस तरह के मामलों में उनकी संस्था न सिर्फ संस्कार के लिए जगह मुहैया करवाएगी बल्कि प्रशासन का हर तरह से सहयोग करेगी।


पटेल नगर के रहने वाले मनी सरपंच ने कहा कि कोरोनावायरस ने लोगों के चेहरे से इंसानियत का झूठा नकाब उतार दिया है क्योंकि दुख की इस घड़ी में लोग किसी इंसान का संस्कार भी नहीं करने दे रहे जो शर्म की बात है। उन्होंने कहा कि उनकी संस्था अगर ऐसा कोई मामला सामने आता है तो न सिर्फ मरीज के संस्कार के लिए जगह देगी बल्कि प्रशासन के साथ कंधे से कंधा मिलकर खड़ीहोगी। किसी भी मरीज की मौत होने पर लोग उसे कोरोना से जोड़ रहे हैं और उसका संस्कार तक नहीं होने दे रहे, जोकि एक अमानवीय कृत्य है।



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श्मशान में रखे गए अस्थि कलश।


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