
कालका विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक प्रदीप चौधरी ने सरसों की खरीद में खामियों को लेकर राज्य की गठबंधन सरकार पर सवाल खड़े किए है। उन्होंने कहा कि किसान को बदइंतजामी के चलते मंडियों में धक्के खाने पड़ रहे है। पहले दिन की खरीद में रायपुररानी मंडी में किसानों को 8 बजे बुलाया और 4 बजे तक उनकी खरीद नही हुई। ऐसी स्थिति में भूखा ही किसान मंडी में वक्त गुजारने को मजबूर है। इसके अलावा नमी के नाम पर किसानों को ठगना भी बंद किया जाए। यदि अन्नदाता को इस प्रकार से लूटा जाएगा तो फिर कैसे देश की तरक्की होगी। लॉकडाउन में किसान ही सबसे ज्यादा काम आया और उसकी उन्नती करना तो दूर, बल्कि उसे आराम से फसल बेचने से भी मोहताज किया जा रहा है।
विधायक प्रदीप चौधरी ने कहा कि रजिस्ट्रेशन करने के बाद भी किसानों का मंडियों में जाकर कहा जाता है कि आपका रजिस्ट्रेशन पूरा नही है। अब किसान जब मेरी फसल मेरा ब्यौरा में डिटेल दे चुका है तो फिर डिटेल पूरी नही होना किस की कमी है। ऐसे सरकारी खामियों को मार्किट बोर्ड और कृषि विभाग दूर करें। यदि किसानों को इस प्रकार से दूखी किया जाएगा तो फिर कांग्रेस इसका विरोध करेगी। किसान को पूरी सहुलियतों के साथ मंडी में फसल बेचने का इंतजाम किया जाए।
प्रदीप चौधरी ने कहा कि सरसों की पैदावार हमारे क्षेत्र में काफी कम होती है और ऐसे में जब गेंहू की खरीद शुरू होगी तो फिर किसान की परेशानियां तो बढ़ जाएगी। किसान को खरीद के लिए मंडी में बिलकुल शॉर्ट मैसेज दिया जाता है और ऐसे में उसे अपनी फसल बेचने के लिए साधन भी करना होता है और मंडी तक पहुंचने के लिए सभी इंतजाम पूरे होने पर ही मंडी में आएगा। संबधित विभाग कम से कम 24 घंटे पहले किसान को मंडी में पहुंचने की सूचना देना सुनिश्चित करें।
किसानाें की फसलें न हों खराब, पटवारियों और ग्राम सचिवों की लगी ड्यूटी
कोविड 19 लाॅकडाउन के चलते जिले के 224 गांवों के किसानों की सरसों और गेहूं फसल रबी की खरीद करने के लिए 39 पटवारियों औरग्राम सचिवों की डयूटी लगाई गई है। जिसके चलते अब किसानों को किसी प्रकार की दिक्कतें नहीं आने दी जाएंगी। डीसी मुकेश कुमार आहुजा ने बताया कि हर पटवारी और ग्राम सचिव को आसपास के 8-10 गांवों की जिम्मेवारी सौंपी गई है।
प्याज का बीज खराब होने पर किसानों ने की बढ़ी मुसीबत
बरवाला मेंप्याज का बीज खराब होने से किसान इस वक्त मुसीबत में है और जिसके कारण उसे आर्थिक रूप से नुकसान पहुंचा है। निचली भूड़, ऊपरली भूड़ और अन्य गांवों के किसानों ने बताया कि उन्होंने इस बार बीज की दुकान से बीज लिया था। जिसे खेत में बुआई की और अब देखा कि प्याज के बीज की बहुत की हम पैदावार हुई है। जिसके चलते उन्हें जहां बीज नही पैदा होने से नुकसान हुआ। वहीं उनकी अन्य फसल भी खाली रह गई है। किसानों ने बताया कि बीज खेत में बोने के बाद उम्मीद थी कि बीज बेहतर पैदा होगा।
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