
शिवालिक विकास मंच के अध्यक्ष व हरियाणा सरकार में चेयरमैन रह चुके एडवोकेट विजय बंसल ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल को ज्ञापन भेजकर नैशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से अन्य प्रदेशों की तरह हरियाणा के चमगादड़ों का भी कोरोना महामारी के चलते सैम्पल टैस्ट करवाने की मांग की गई है। विजय बंसल ने कहा कि जानलेवा कोरोना वायरस के बारे में दुनियाभर में कयास था कि यह चमगादड़ों में भी पाया जाता है लेकिन भारतीय वैज्ञानिकों के अध्ययन में इसकी पुष्टि हुई है।
हरियाणा में भी चमगादड़ों की संख्या काफी है। खासतौर पर शिवालिक व अरावली के पहाड़ी क्षेत्र जिला पंचकूला, यमुनानगर में चमगादड़ काफी है। यहां बीड़ शिकार गाह, खोल ही रायतन वाइल्डलाइफ सेंच्यूरी व खोल ही फतेह सिंह वाइल्डलाइफ सेंचरी है। जिला यमुनानगर में छछरौली, कलेसर समेत इलाकों में पहाड़ी एरिया है। जिला पंचकूला में विश्वप्रसिद्ध पिंजोर गार्डन भी है जहां पर चमगादड़ों की संख्या काफी है। ऐसे में अन्य राज्यों की भांति हरियाणा के चमगादड़ों के भी सेंपल जांच करवाने जरूरी है। अगर कोई चमगादड़ संक्रमित हुआ तो उसका नतीजा जनता के लिए हानिकारक हो सकता है।
वाइल्ड लाइफ के दायरे में नहीं आते चमगादड़, एक्ट का दिया हवाला
रायपुररानी केशिवालिक तलहटी पर चमगादड़ों की संख्या बहुत ज्यादा है और जिस प्रकार से दावा किया जा रहा है कि चमगादड़ भी कोरोना को ट्रांसमिशन से बढ़ा सकता है और चमगादड़ों भी कोरोना संक्रमित है तो फिर ऐसे में लोगों के लिए यह परेशानी ओर ज्यादा बढ़ गए है। रायपुररानी-मोरनी रोड़ पर भी काफी ज्यादा चमगादड़ दिन के वक्त पेड़ों में लटके पाए जाते है। इसके साथ ही एडवोकेट विजय बंसल ने तो मुख्यमंत्री हरियाणा से भी शिवालिक क्षेत्र में रहने वाले इन चमगादड़ों की जांच की मांग उठाई है।
उन्होंने नेशनल इंस्टीच्टयूट ऑफ व्यूरोलॉजी का हवाला देते हुए 5 राज्यों के चमगादड़ों की जांच में 25 चमगादड़ों में कोरोना होने की बात कहते हुए कहा कि शिवालिक क्षेत्र के चमगादड़ों की जांच की जाए। उधर वाइल्ड लाइफ का कहना है कि उनके दायरे में नही आते, फिर शिवालिक तलहटी के चमगादड़ों की जांच कौन करेगा। इनके ऊपर कौन नजर रखेगा। हालांकि सुत्रों के अनुसार दो जगह पर मरे चमगादड़ों की जांच करवाई थी और उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई थी।
चमगादड़ वाइल्ड लाइफ के दायरें में नही आता है। ऐसे में इनकी रखवाली हम नही करते है। मेरी नॉल्ज में ऐसा मामला नही कि हमारे द्धारा मरे हुए चमगादड़ों की जांच करवाई है। यदि सरकार की तरफ से चमगादड़ को लेकर किसी प्रकार की हिदायतें आई तो हम तैयार है।
शिव सिंह, डीएफओ वाइल्ड लाइफ पंचकूला।
दस राज्यों के 586 सैम्पलों में से 25 मिले संक्रमित
विजय बंसल का कहना है कि पिछले दिनों देश के 10 राज्यों में से हिमाचल समेत केरल, तमिलनाडु, पुडुचेरी और कर्नाटक समेत कुल 5 राज्यों के चमगादड़ों में वायरस मिला है। चमगादड़ों की दो प्रजातियों पर अध्ययन के बाद भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ने एनआईवी की रिपोर्ट का अध्ययन कर यह खुलासा हुआ किया है। इस टैस्ट में दोनों प्रजाति के चंडीगढ़, हिमाचल, केरल, तमिलनाडु, पुडुचेरी, कर्नाटक, पंजाब, गुजरात, ओडिशा, तेलंगाना समेत कुल 10 राज्यो से चमगादड़ों के 586 सैम्पलों में से 25 चमगादड़ संक्रमित मिले हालांकि वह नॉवल कोरोना वायरस नही है।
केरल में निपाह वायरस भी चमगादड़ों से ही फैला था
विजय बंसल का कहना है कि वैज्ञानिकों के अनुसार कुछ समय पहले केरल में निपाह वायरस भी चमगादड़ों से ही आया था। इस संदर्भ में वैज्ञानिक डॉ. आर. बाला सुब्रमण्यम ने बताया है कि केरल के चमगादड़ों को अध्ययन शामिल किया गया था। पुणे में टेस्टिंग के बाद कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है।
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