रोक के बावजूद प्राइवेट स्कूल फीस जमा करवाने के लिए भेज रहे मैसेज - News

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रोक के बावजूद प्राइवेट स्कूल फीस जमा करवाने के लिए भेज रहे मैसेज

(रवीश कुमार झा)लॉकडाउन के दौरान सरकार ने पंचकूला समेत पूरे राज्य के प्राइवेट स्कूलों की ओर से बच्चों से फीस नहीं वसूले जाने का निर्देश जारी किया था। सरकार के निर्देश के बावजूद प्राइवेट स्कूलों की ओर से पेरेंट्स पर स्कूल फीस जमा करने का दबाव बनाया जा रहा है। पेरेंट्स को उनके मोबाइल पर मैसेज भेजकर फीस ऑनलाइन जमा करने को कहाजा रहा है।
पेरेंट्स इसकी शिकायत सीबीएसई, हरियाणा शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन को कर चुके हैं, लेकिन उसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो रही। ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार की ओर से क्या स्कूलों को हवाई निर्देश दिए जा रहे हैं ताकि वह अपनी मनमानी कर सकें। बड़ी बात यह है कि शहर के लगभग सभी स्कूलों की ओर से उनके यहां पढ़ने वाले बच्चों के पेरेंट्स को मैसेज के माध्यम से फीस ऑनलाइन जमा करने को कहा जा रहा है। बावजूद प्रशासन व शिक्षा विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा।

सेक्टर-15 केप्राइवेट स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे के पेरेंट्स ने बताया कि उन्हें स्कूल की ओर से मैसेज आया है कि 2020 के अप्रैल महीने से न्यू फीस मॉड्यूल लागू किया जा रहा है। जिसके तहत पेरेंट्स को मंथली फीस देनी होगी। हैरानी की बात यह है कि मंथलीफीस में अप्रैल, मई व जून महीने का पैसा स्कूल के एप के माध्यम से जमा करने को कहा गया है। पेरेंट्स ने बताया कि एक ओर केंद्र सरकार सेलेकर राज्य सरकार और सीबीएसई की नोटिफिकेशन जारी है कि जब तक लॉकडाउन नहीं हटता तब तक फीस नहीं ली जाएगी। दूसरी ओर पाइवेट स्कूलों की ओर से पेरेंट्स के मोबाइल पर मैसेज भेजकर स्कूल फीस जमा करवाने को कहा जा रहा है जो कि बिल्कुल गलत है।

कुछ स्कूल 5 से 10 % डिस्काउंट दे रहे

कुछ स्कूल लॉकडाउन के दौरान पेरेंट्स को डिस्काउंट का लोभ दे रहे हैं। फीस जमा करने वाले पर 5 से 10 प्रतिशत छूट दी जा रही है। विभाग की मानें तो स्कूलों की ओर से किसी भी पेरेंट को फीस जमा करने के लिए बाध्य नहीं किया जा रहा है, बल्कि उन्हें डिस्काउंट ऑफर के साथ फीस जमा करने का ऑप्शन दिया जा रहा है।

स्कूल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी
डीईओ उर्मिल रोहिल्ला ने बताया कि शिक्षा विभाग की ओर से हाल ही में 12/4 की नोटिफिकेशन निकाली गई है। जिसमें स्कूलों को कहा गया है कि वह पेरेंट्स से जबरदस्ती फीस लॉकडाउन अवधि में नहीं ले सकते। अगर कोई फीस जमा करने के पक्ष में है तो वह फीस जमा कर सकते हैं। जिन बच्चों की फीस जमा नहीं हुई है उन्हें लॉकडाउन की अवधि में स्कूल ऑनलाइन ट्यूशन से वंचित नहीं रख सकता।

ऐसा करने पर स्कूल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। लॉकडाउन खुलने के बाद स्कूल फीस अप्रैल व मई महीने की देनी होगी। लेकिन उससे पहले स्टूडेंट्स से फीस मांगना गलत है। इसके अलावा सरकार की तरफ से सैलरी न काटने के लिए भी कहा गया है। स्कूल न ही टीचर्स की सैलरी काट सकते हैं और न ही स्टूडेंट्स को फीस देने के लिए जबरदस्ती कर सकते हैं।

टीचर्स को नहीं मिल रही पूरी सैलरी
प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाने वाले टीचर्स को अप्रैल में पूरी सैलरी नहीं दिए जाने की भी शिकायत आ रही है। टीचर्स दबी जुबान में जिला प्रशासन व लेबर डिपार्टमेंट को मामले की शिकायत कर चुके हैं। सिर्फ नौकरी जाने के डर से वह सामने नहीं आना चाहते।

  • अगर कोई स्कूल पेरेंट्स से फीस जमा करने को कहता है तो तुरंत उसकी शिकायत करें और स्कूल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सभी स्कूलों को निर्देश जारी किया गया है कि वह लॉकडाउन के दौरान स्कूल फीस नहीं ले सकते हैं। -मुकेश आहुजा, डीसी


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Despite the ban, private schools are sending messages to collect fees


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