सब्जी, किराना, दूध सहित जरूरी सेवाओं की सप्लाय चेन के आखिरी छाेर से - News

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सब्जी, किराना, दूध सहित जरूरी सेवाओं की सप्लाय चेन के आखिरी छाेर से

इंदौर (चोइथराम मंडी से प्रणय चौहान).चोइथराम फल व सब्जी मंडी में थोक, खेरची और ठेले वालों ने फल और सब्जियों के भाव दो से तीन गुना बढ़ा दिए। आम दिनों में जो टमाटर थोक में 10 से 15 रुपए किलो मिल रहा था, वह मंगलवार को 40 से 50 रुपए किलो में बेचा गया। थोक में 10 से 15 रुपए किलो मिलने वाली भिंडी 40 से 50 रुपए किलो बिकी। 70 रुपए किलो बिकने वाला लहसुन 100 रुपए किलो बिक रहा है। 10 रुपए किलो वाली मैथी 40 रुपए किलो, 10 वाला फूल गोभी व पत्ता गोभी 30 रुपए नग में बेचा गया।


12 बजे बाद भी मालगंज के पास सब्जी खरीदने वालों की चहल पहल रही
बियाबानी क्षेत्र से अमित सालगट
बियाबानी मेन रोड, सिलावटपुरा, राजमोहल्ला, जवाहर मार्ग, छत्रीपुरा क्षेत्र में दवाई, दूध, किराने की दुकानें खुली रहीं। महिलाएं-पुरुष घर में उपयोग होने वाली जरूरत की वस्तु खरीदते दिखे। दोपहर 12 बजे बाद भी मालगंज के पास सब्जी मंडी में सब्जी-फल खरीदने वालों की चहल पहल रही। कुछ तो सब्जी की दुकान पर भाव-ताव कर रहे थे। बोल रहे थे कि अभी तो इतने भाव में लेकर गया था। वहीं दोपहिया गाड़ी व जीप में क्षेत्र में घूम रही पुलिस राह चलने वालों को रोककर उन्हें जल्दी घर जाने की समझाइश दे रही थी।

शहर में 5 हजार होलसेल और 30 हजार से ज्यादा रिटेल व्यापारी

सियागंज होलसेल किराना मर्चेंट एसोसिएशन अध्यक्ष रमेश खंडेलवाल ने बताया किराना बाजार में फिलहाल स्टॉक की दिक्कत नहीं है। शहर में 5 हजार होलसेल और 30 हजार से ज्यादा रिटेल व्यापारी हैं। ट्रांसपोर्ट बंद होता है तो स्टॉक की दिक्कत आएगी, क्योंकि 70 प्रतिशत सामान महाराष्ट्र, दिल्ली, उत्तरप्रदेश, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक और केरल से आता है। हमने ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन से निवेदन किया है कि वे किसी तरह का बंद न करें। वहीं मंगलवार को भी कपड़ा बाजार, सीतलामाता बाजार, सांठा बाजार, बर्तन बाजार, मारोठिया बाजार, शकर बाजार सहित कई बाजार बंद रहे।

सांची प्लांट में दूध पर्याप्त, रोज 14 हजार लीटर खपत घटी

- मांगलिया सांची प्लांटसे राहुल दुबे
तड़के 4 बजे से मांगलिया स्थित सांची के प्लांट में गेट के बाहर छोटे-बड़े ट्रकों की कतार। कोरोना का खौफ और लाॅकडाउन के चलते प्लांट में दूध सामान्य से कहीं ज्यादा आ रहा है। लेकिन बाजार में खपत 14 हजार लीटर तक कम हो गई। असल में कोरोना के चलते छात्र, नौकरी करने आए बाहरी लोग चले गए हैं वहीं रबड़ी, छाछ, दही, श्रीखंड, लस्सी सहित कई आयटम जो दूध से बनते हैं, वह भी इन दिनों नहीं बन रहे। रोजाना चार लाख लीटर दूध प्लांट में आता था। इन दिनों 4 लाख 25 हजार लीटर दूध आ रहा है। ज्यादा दूध आने की वजह यह है कि प्राइवेट डेरी वालों ने किसानों से दूध लेना कम कर दिया तो किसान सांची को दूध बेच रहे हैं। अध्यक्ष मोतीसिंह पटेल कहते हैं स्टोरेज की समस्या हो रही है। सांची के अन्य उत्पाद और दूध ज्यादा बिके, इसके लिए प्रशासन से मदद मांगेंगे। तीन शिफ्ट में 140 कर्मचारी केवल दूध की पैकिंग ही कर कर रहे हैं। प्लांट के गेट पर ही पहले तो सैनिटाइजर से कोहनी तक हाथ साफ कराए जा रहे हैं। फिर मशीनों के पास जाने से पहले हाथ-पैर धुलवाए जा रहे हैं।

डेयरियों में दूध : 12 लाख लीटर दूध हर दिन बंटेगा
इंदौर दूध विक्रेता संघ अध्यक्ष भरत मथुरावाला ने बताया इंदौर, बेटमा, मानपुर, हाटपीपल्या, देवास, सोनकच्छ के 1150 गांवों से रोजाना 12 लाख लीटर दूध आता है। इस 12 लाख लीटर का वितरण कर दिया जाता है। इंदौर, बेटमा, धार, सोनकच्छ सहित अन्य स्थानों पर प्लाॅट में 50 लाख लीटर दूध का स्टॉक है, जिसे किल्लत होने पर वितरित किया जाएगा। दूध संघ ने सभी दूध विक्रेताओं को निर्देश दिए हैं कि रविवार सुबह 11 बजे तक पूरा दूध वितरित कर दें। सुबह 11 से शाम 5 बजे तक डेरी और दूध बांटने वालों को घर पर ही रहने के लिए कहा है।



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लॉकडाउन की घोषणा होते ही पाटनीपुरा रोड पर रात 10 बजे लोग सब्जी-किराना लेने उमड़ पड़े।


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