सिरसा .कोरोना वायरस से लोगों के बचाव में सर्विलांस और फ्रंट लाइन हेल्थ टीमें 18 घंटे नॉन स्टाप काम में जुटी हैं। ड्यूटी से घर जाने के बाद भी कोई आशंकित मरीज की सूचना आती है, तो डॉक्टर्स व संबंधित स्टाफ उल्टे पांव वापस लौट आते हैं। पिछले एक माह से देश में वायरस ग्रस्त रोगियों की बढ़ती तादाद को देखते हुए अस्पतालों का स्टाफ 6 या 8 नहीं बल्कि नॉन स्टॉप डे-नाईट काम में जुटा है। इसके अलावा वह परिवार की जिम्मेदारी भी संभाले हुए हैं।
हालांकि उनकी लिस्ट से संडे- फन डेज फिलहाल गायब हो चुका है। दिनचर्या एक तरह से बदल गई है और उनकी फैमिली भी यह समझती है कि जनता को हेल्थ ऑफिसर, डॉक्टर्स एवं वर्कर की जरूरत है। कोरोना से निपटने को गठित रेपिड रिस्पाॅॅन्स टीम में शामिल छाती रोग विशेषज्ञ डॉ. सतिंद्र सिंह धंजु ने बताया कि इस जनसेवा की जिम्मेदारी निभाने को तैयार हैं। डॉक्टर्स एवं पैरामेडिकल स्टाफ इस मुश्किल के समय में आमजन के साथ हैं।
सीएमओ डॉ. सुरेंद्र नैन - सीएमओ के संज्ञान में स्वास्थ्य से संबंधित सभी काम रहते हैं। कोरोना से बचाव एवं रोकथाम के जिला में दिशानिर्देशों के अलावा मुख्यालय को अपडेट रिपोर्ट जाती है। नागरिक अस्पतालों, सीएचसी, पीएचीसी एवं जिले के 7 संस्थानों में बनाए क्वारिन्टाइन वार्डों व आइसोलेशन वार्ड के इंतजाम की देखरेख का जिम्मा है।
उपसिविल सर्जन डॉ. वीरेश भूषण
कोरोना वायरस से बचाव एवं रोकथाम के लिए तैयार माइक्रो प्लान लागू करने का जिम्मा संभाले हुए हैं। फ्लू क्लीनिक व आइसोलेशन वार्ड में आए रोगियों की डिटेल लेना, विदेश से आए पैसेंजर की जानकारी लेकर उन्हें ट्रेस करते हुए स्वास्थ्य जांच करवानी होती है। रात्रि में भी उपसिविल सर्जन डॉक्टर टीम के साथ अलर्ट रहते हैं। सूचना पर तुरंत एंबुलेंस के साथ टीम आशंकित मरीज को ट्रेस करती हैं।
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