राहत की सांस.. कोरोना का 8 दिन से शहर में कोई नया मरीज नहीं - News

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राहत की सांस.. कोरोना का 8 दिन से शहर में कोई नया मरीज नहीं

बुधवार ग्वालियर के लिए राहत का दिन साबित हुआ। लॉकडाउन का आठवें दिन पहली बार पुलिस ने इतनी सख्ती दिखाई कि मुख्य बाजार से लेकर गली-मोहल्ले तक हर दुकान बंद रही। सुबह 9 बजे तक के बाद लोग घरों से बाहर नहीं निकले इसलिए संक्रमण का खतरा कम हुआ। उधर, जेएएच, जिला अस्पताल से जांच के लिए भेजे गए 48 संदिग्ध मरीजों के सैंपल निगेटिव पाए गए। आठ दिन से (24 मार्च के बाद) शहर में कोरोना का कोई नया मरीज नहीं मिला है। उधर, आटा और दवाओं का पर्याप्त स्टॉक भी शहर को जल्द मिलने की खबरें हैं। बड़ी बात ये भी है कि प्रशासन ने खतरे को देखते हुए पांच हजार लोगों को रखने के लिए क्वारेंटाइन सेंटर भी ढूंढ़ लिए हैं।


कोरोना वायरस को हराने के लिए टोटल लॉकडाउन के दौरान पहली बार शहर की सड़कें पूरी तरह सूनी रहीं। कारण- पुलिस की लाठी। सुबह से इस व्यवस्था को बिगाड़ने की कोशिश करने वालों पर डंडा चला। चाहे सब्जी वाले हों, किराने की दुकान वाले या फिर आम लोग। यहां तक की दूध की दुकान पर भी भीड़ दिखी तो लाठी के जरिए इन्हें भगाया गया। सुबह से जब पुलिस के तीखे तेवर नजर आए तो लोग खुद ही घरों से बाहर नहीं निकले। सुबह 9 बजे तक भले ही दूध की दुकानों को ढील मिली, लेकिन सख्ती इतनी थी कि कहीं भीड़ नहीं लगी। सुबह से की गई सख्ती का असर दिनभर रहा। यानि 48 घंटे के टोटल शटडाउन के पहला दिन प्रशासन लाेगाें काे घराें तक सीमित रखने में कामयाब रहा।


दोपहर में शहर की कई सड़कों पर कर्फ्यू सा नजारा था। यह सख्ती 22 मार्च के बाद पहली बार तब नजर आई है, जब इंदौर में कोरोना कहर बरपा रहा है। वहां के हालात को देखकर ही यहां अब सख्ती कर दी गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 अप्रैल तक पूरा देश लॉकडाउन किया है, लेकिन ग्वालियर में सुबह 6 घंटे सामान्य दिनों की तरह बाजार खुल रहे थे, भीड़ उमड़ रही थी। जिससे कोरोना संक्रमण का खतरा शहर पर मंडरा रहा था, इसी के चलते बुधवार से इतनी सख्ती कर दी गई।


गली-माेहल्लों में भी गश्त
पहली बार पुलिस ने गली-माेहल्लों में पेट्राेलिंग की। यहां लोग भीड़ लगाते थे, लेकिन बुधवार को संकरी गलियां भी सूनी रहीं।

कहां, कैसी सख्ती.. चेकिंग और समझाइश के लिए एसपी भी मैदान में उतरे

लश्कर : सुबह 6 बजे से 9 बजे तक दूध और अखबार बांटने वालों को राहत दी गई, लेकिन दूध डेयरी पर भी भीड़ जमा नहीं लगने दी गई। कंपू, माधाैगंज इलाके में सुबह 7 बजे कुछ सब्जी और फल के ठेले वाले सड़कों पर आ गए। लक्कड़खाने के पास सब्जी के ठेले पुलिस की गाड़ी देखते ही ठेले वाले गलियों में होते हुए भागे।

छापेखाने के सामने कुछ किराने की दुकानें खुलीं। पूजा का सामान बेचने वाले दुकानदार भी बैठ गए। चौकी से तुरंत पुलिस फोर्स पहुंचा और शटर बंद करवा दिए। यही हालात लक्ष्मीगंज, जनकगंज, राममंदिर पर दिखे। रामदास घाटी पर एक दूध की दुकान पर भीड़ लग गई। किसी ने फोटो खींचकर एसपी को भेजा तो तुरंत यहां फोर्स पहुंचा लाठी चलते ही लोग भाग गए।

हजीरा : चार शहर का नाका, हजीरा चौराहा। यहां सब्जी और फल के ठेले भी खुल गए। पुलिस ने इन्हें बंद कराया तो बोले नए आदेश के बारे में जानकारी नहीं दी गई। इन्हें घर भेजकर गुरुवार को भी दुकान न खाेलने के लिए कहा गया। पुलिस ने यहां 8 बजे के बाद दूध डेयरी भी बंद कराना शुरू कर दीं।

मुरार : सदर बाजार में सुबह कुछ किराने की दुकानें खुलीं तो पुलिस फोर्स पहुंच गया। अनाउंसमेंट कर इन्हें चेतावनी दी तो लोगों ने दुकानें बंद कर दीं। दूध की दुकानों पर भी चेतावनी दी गई। थाटीपुर सांची पार्लर पर भीड़ को लाठी के जोर पर भगाया गया। कुछ पार्लर संचालकों ने किराने का सामान बेचना शुरू कर दिया, मयूर मार्केट में ऐसी दुकानें बंद करा दी गई। पटेल नगर में पुलिस ने ऐसा एक पार्लर बंद कराया।

बिना वजह बाइक से निकला ताे दर्ज हुई एफआईआर

  • झांसी रोड पर चेकिंग पॉइंट पर लभेड़पुरा का वीरु कुशवाह बाइक से गुजरा। पुलिस ने रोका तो भागने लगा। कुछ दूरी पर उसे पकड़ लिया। पूछा तो कोई कारण नहीं बता पाया। आखिर में उस पर झांसी रोड पुलिस ने एफआईआर दर्ज की गई।
  • मोतीझील रोड स्थित पहाड़ी पर करीब एक दर्जन युवक इकठ्ठे थे। पुलिस जैसे ही पहुंची तो गाड़ी छोड़कर भाग गए। पुलिस ने बाद में इन्हें बात करके बुलाया और घर भेजा।

हरी सब्जी से भरे दाे ट्रक अागरा भेजने पड़े
बुधवार को टोटल शटडाउन के कारण लक्ष्मीगंज सब्जी मंडी से हरी सब्जी से भरे दो ट्रक अागरा भेजने पड़े। हालांकि मंडी में 1 अप्रैल को पूर्व निर्धारित अवकाश होने के कारण व्यापारी बड़े नुकसान से बच गए।

39 गोदामों में 16.59 लाख क्विंटल गेहूं का स्टाॅक फ्लोर मिलों में रोज बन रहा 2000 क्विंटल आटा

ग्वालियर के सरकारी गोदामों और निजी कोल्ड स्टोरेज में खाद्यान्न का भरपूर भंडार है इसलिए लोगों को जरूरी खाद्य उत्पादों के लिए घबराने की जरूरत नहीं है। जानकारों के अनुसार, जिले के 39 सरकारी गोदामों में 16 लाख 59 हजार 620 क्विंटल गेहूं और 16 निजी कोल्ड स्टोरेज में जरूरत के समय आपूर्ति करने के लिए कारोबारियों का करीब चार लाख क्विंटल किराना का सामान जमा है।
ज्ञात हो कि लॉकडाउन में 50 रुपए प्रति किलो तक बिक चुके आटे की कालाबाजारी को रोकने नागरिक आपूर्ति निगम के माध्यम से भारतीय खाद्य निगम ने फ्लोर मिलों को आटा बनाने के लिए 2135 रुपए क्विंटल में गेहूं देना शुरू कर दिया है। दस फ्लोर मिलों ने हर दिन दो हजार क्विंटल आटा तैयार कर बाजार में भेजना भी शुरू कर दिया है।

आपूर्ति बढ़ने पर तीन रुपए तक घटेंगे दाम
अभी आटे की कीमत 27 से 28 रुपए प्रति किलो है। आपूर्ति बढ़ने पर आटा 24 से 25 रुपए प्रति किलो में मिलने लगेगा। फ्लाेर मिल संचालक नितिन अग्रवाल ने बताया कि वे रोजाना 400 क्विंटल तक आटा बनाकर बाजार में देने लगे हैं।

16 कोल्ड स्टोरेज में किराने का हर तरह का सामान

ग्वालियर की सीमा में 16 कोल्ड स्टोरेज हैं। जानकारों के अनुसार, कारोबारियों ने जरूरत के समय आपूर्ति करने के लिए कोल्ड स्टोरेज में करीब चार लाख क्विंटल किराना सामान जमा किया है। कोल्ड स्टोरेज में करीब दो सौ प्रकार का किराना सामान मसलन हल्दी, लाल मिर्च, अमचूर, धनिया, सौंफ, जीरा, काली मिर्च, अजवाइन, सोंठ, दालचीनी, लौंग, छोटी इलायची, बड़ी इलायची, मैथी दाना, काजू, चिरौंजी, किशमिश, बादाम, मखाना, छुआरा और पिपरमेंट आदि जमा है। इसके अलावा सभी प्रकार की दालें, घी, गुड़ और चावल आदि खाने की वस्तुएं भी रखी हुई हैं।

शहर में हमारे पास गेहूं का भरपूर स्टाॅक है
गेहूं का भरपूर स्टॉक है। फ्लोर मिलों को 2135 रुपए प्रति क्विंटल की कीमत पर भारतीय खाद्य निगम के गोदामों से गेहूं की आपूर्ति हो रही है। इससे बाजार में आटे की कालाबाजारी और कमी खत्म होनी चाहिए।
-अरविंद फाल्के, प्रभारी जिला प्रबंधक नागरिक आपूर्ति निगम

सात दिन में आएंगी बुखार, खांसी और संक्रमण की दवा

जेएएच और जिला अस्पताल की कोल्ड ओपीडी में मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। इस कारण सर्दी-जुकाम व बुखार की दवाओं का स्टाॅक खत्म हो रहा है। राहत की बात यह है कि जेएएच प्रबंधन ने जरूरी दवाईयों के लिए डिमांड बनाकर भेज दी है। जेएएच के अधीक्षक डा. अशोक मिश्रा ने दावा किया कि सात दिन में सभी जरूरी दवाइयां आ जाएंगी। वहीं दूसरी ओर सीएमएचओ डा. एसके वर्मा भी दवाईयों की सप्लाई के लिए भोपाल स्थित कार्यालय में अधिकारियों के साथ निरंतर संपर्क में हैं। दरअसल, बदलते मौसम और कोरोना वायरस के संक्रमण के डर के कारण सामान्य सर्दी-जुकाम से पीड़ित मरीज भी कोल्ड ओपीडी में दिखाने के लिए पहुंच रहे हैं। इस कारण मरीजों की संख्या का आंकड़ा पहले की तुलना में बढ़कर पांच गुना से ज्यादा हो गया है।

एक लाख एजीथ्रोमाइसिन टैबलेट की मांग भेजी
सीएमएचओ दफ्तर में एंटीबायटिक टैबलेट एजीथ्रोमाइसिन का स्टॉका न के बराबर है। सीएमएचओ डा. एसके वर्मा ने बताया कि दवाइयों की पूर्ति के लिए रोज रिमांडर भेज रहे हैं। एक लाख एजीथ्रोमाइसिन टैबलेट की डिमांड भेज दी गई है। पेरासिटामॉल टैबलेट और खांसी का सिरप भी मंगाया गया है।

प्रशासनिक कमजोरी को दूर किया जाएगा
प्रदेश के किसी भी मेडिकल कालेज में दवाईयों की कमी की जानकारी नहीं है। इस बारे में फिलहाल हमसे कोई पत्राचार भी कॉलेज प्रशासन ने नहीं किया है। अगर ग्वालियर में प्रशासनिक निकम्मापन है, तो उसे दूर किया जाएगा।-संजय शुक्ला, प्रमुख सचिव, चिकित्सा शिक्षा विभाग



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इंदरगंज में बाइक सवार से पूछताछ करते एसपी नवनीत भसीन।
बानमोर की फ्लोर मिल में तैयार होता आटा।


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