(ग्राउंड रिपाेर्ट -1।गुमाश्तानगर से।मैं गौरव शर्मा। खतरों के बीच पत्रकारिता धर्म निभा रहा हूं। क्योंकि मेरे परिवार के साथ भास्कर के लाखों पाठकों कोभी आज मेरी सबसे ज्यादा जरूरत है।)
इंदौर. स्कीम-71 से गुमाश्तानगर मेन रोड पर आते ही सड़कें सूनी। घरों के बाहर ताले लगे हैं। सड़कें तो दूर लोग घर के गेट और बालकनी में भी नहीं आ रहे। अरिहंत हॉस्पिटल वाली गली में जरूर दो वाहन नजर आए। बाइक सवार मनमोहन ने कहा वे हॉस्पिटल स्टाफ से हैं, इमरजेंसी ड्यूटी में। क्षेत्र के ही एक घर के निवासी श्यामसुंदर ने कहा जब से क्षेत्र के हॉस्पिटल में कोरोना पॉजिटिव मरीज आया है, तब से हम बाहर भी नहीं निकले। चार घर छोड़कर रिश्तेदार रहते हैं। लेकिन हम उनके और वो हमारा हालचाल फोन पर ही रोजाना पूछ रहे हैं। गेट पर ताला लगा चुके हैं। किसी की एंट्री नहीं। वहीं, टाटपट्टी बाखल (सिलावटपुरा) क्षेत्र में तो लोगों को घर के बाहर बैठने पर भी रोक है। सिलावटपुरा मेनरोड के लोग तो ओटले पर भी नहीं बैठ रहे हैं। सिलावटपुरा से आगे बढ़कर नीम के पेड़ के सामने टाटपट्टी बाखल की ओर गली जाती है। यहां पुलिस ने रोड को पूरी तरह से ब्लॉक किया हुआ है। इसी क्षेत्र से चार और लोगों की जांच भी की गई है। क्षेत्र में लोग डरे हुए हैं। वहीं बड़ा गणपति चौराहे से जिधर नजर दौड़ाएं, सभी सड़कों पर कोई आवाजाही नहीं थी। एमजी रोड जाने वाले क्षेत्र में तो पुलिस ने बैरिकेड्स ही लगा दिए। चौराहे से सुभाष मार्ग की ओर जाने वाले रोड पर एक अॉटो आया, पुलिस ने रोका। वाहन चालक ने बताया इसमें सवारी है, तबीयत ठीक नहीं है। अस्पताल दिखाने जा रहे हैं। पूछताछ के बाद पुलिस ने जाने दिया।
(ग्राउंड रिपाेर्ट -2।मूसाखेड़ी से।मैं दिनेश जोशी। खतरों के बीच पत्रकारिता धर्म निभा रहा हूं। क्योंकि मेरे परिवार के साथ भास्कर के लाखों पाठकों को भी मेरी सबसे ज्यादा जरूरत है।)
इंदौर. मूसाखेड़ी चौराहे के सर्विस रोड से सटी कॉलोनी है चंद्रपुरी। 48 घंटे बीत चुके हैं, जब यहां रहने वाले 48 वर्षीय एक व्यक्ति की कोरोना जांच की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। शनिवार रात 12 बजे रिपोर्ट आने के बाद से यहां दहशत है। लोग बाहर निकलने से बच रहे हैं। लेकिन प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग का अमला बेपरवाह है। मुश्किल से चार-पांच घरों की स्क्रीनिंग हुई और एक ट्रैक्टर के जरिये सैनिटाइजर का छिड़काव किया गया। लेकिन पूरे एरिया में आने-जाने पर कहीं रोक-टोक या सख्ती नहीं है। हालांकि पुलिस की गाड़ियों की आवाजाही बढ़ी है और हर 2 घंटे में सायरन बजाती गाड़ियां चक्कर लगा रही हैं। प्रशासन को यूं तो 3 किलोमीटर के पूरे एरिया को कंटेनमेंट घोषित करना था, लेकिन यहां सब कुछ सामान्य होते हुए भी दहशत है। कुछ ही मकान छोड़कर रहने वाले प्रकाश बताते हैं कि जिस व्यक्ति की कोरोना की रिपोर्ट पॉजिटिव आई, उन्हें पहले से ही सांस की बीमारी थी। अब वो लोग डरे हुए हैं जो पिछले 10-12 दिन में उनसे संपर्क में आए। डर यह भी है कि यहां कोई और संक्रमित तो नहीं। इसी कॉलोनी के ठीक पीछे स्थित गुलाबबाग कॉलोनी में भी सन्नाटा पसरा है। लोग घर से बाहर निकलने से बच रहे हैं लेकिन प्रशासन की तरफ से उन्हें भी कोई निर्देश नहीं मिले हैं। कायदे से सर्विस रोड पर दोनों तरफ लोगों की आवाजाही बंद की जाना थी, लेकिन ऐसा कुछ यहां हुआ नहीं। लोग आ-जा रहे हैं।
(ग्राउंड रिपाेर्ट -3।खजराना से।मैं सुमित ठक्कर। खतरों के बीच पत्रकारिता धर्म निभा रहा हूं। क्योंकि मेरे परिवार के साथ भास्कर के लाखों पाठकों को भी मेरी सबसे ज्यादा जरूरत है।)
इंदौर. हमेशा भीड़ से भरे रहने वाले बाजार बंद हैं और लोग घरों में हैं। पुलिस लाउड स्पीकर से बस्तियों में सूचना प्रसारित कर रही है कि घर से बाहर न निकलें। दोपहर 12 बजे आईजी विवेक शर्मा खजराना इलाके में पहुंचे। उन्होंने जो लोग पॉजिटिव पाए गए हैं, उनके आसपास व परिवार और रिश्तेदारों को प्रशासन के अधिकारियों के साथ मिलकर बसों के माध्यम से क्वॉरेंटाइन के लिए तैयार सेंटरों में भिजवाया। करीब चार बसों से खजराना के 80 से ज्यादा लोगों को क्वॉरेंटाइन के लिए भेजा गया। आईजी ने खजराना के अति संक्रमित क्षेत्र घोषित होने के बाद यहां घंटों ड्यूटी कर रहे पुलिस जवान व अधिकारियों को कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए जरूरी पीपीई किट की व्यवस्था करवाई। उन्होंने बताया जिन संक्रमित इलाकों में जवान ड्यूटी कर रहे हैं उनमें संक्रमण न हो, इसके लिए सतर्क हैं।
(ग्राउंड रिपाेर्ट -4।क्वॉरेंटाइन हाउस से।क्वॉरेंटाइन हाउस से15 होटल, गार्डन में 400 लोग क्वॉरेंटाइन किए।मैं संजय गुप्ता। खतरों के बीच पत्रकारिता धर्म निभा रहा हूं। क्योंकि मेरे परिवार के साथ भास्कर के लाखों पाठकों को भी मेरी सबसे ज्यादा जरूरत है।)
इंदौर में काेराेना को रोकने के लिए प्रशासन ने शहर में मिले पॉजिटिव मरीजों के करीबी और पड़ाेसियों को सोमवार सुबह से क्वारेंटाइन हाउस में शिफ्ट करना शुरू कर दिया। शहर में नौ मैरिज गार्डन, तीन होटल और एक-एक कॉलेज, होस्टल व धर्मशाला में क्वारेंटाइन हाउस बनाए हैं, जिनमें करीब 400 लाेगाें काे रखा है। सुबह 10 बजे कलेक्टर मनीष सिंह ने सभी अपर कलेक्टरों के साथ बैठक की। प्रत्येक अधिकारी को एक संवेदनशील क्षेत्र का प्रभार देते हुए संदिग्धों को चिह्नित कर क्वारेंटाइन हाउस में भेजने के आदेश दिए। बैठक के बाद अपर कलेक्टर दिनेश जैन चंदन नगर, कैलाश वानखेड़े खजराना और पवन जैन रानीपुरा क्षेत्र पहुंचे। टीम कोरोना के मरीजों के घर गई और परिजनाें के साथ पड़ाेसियों के यहां पूछताछ की। फिर सभी को एआईसीटीएसएल द्वारा उपलब्ध करवाइ गर्इं बसों में बैठाकर पुलिस के साथ क्वारेंटाइन हाउस भेजा। रानीपुरा, चंदन नगर जैसे क्षेत्रोें में अधिकारियों को खासी दिक्कत आई और कुछ जगह सख्ती भी की गई। खजराना से ले गए लोगों में से करीब 40 को मृदंग गार्डन और 70 से ज्यादा को प्रेसीडेंट हाेटल में रखा है। चंदन नगर के लोगों को दस्तूर अाैर अक्षत गार्डन में रखा है। यहां हर कमरे में एसी है। सभी के लिए फूड पैकेट, पानी की कैन और चाय-नाश्ता उपलब्ध कराया जा रहा है। मेडिकल टीम ने सभी की स्क्रीनिंग शुरू कर दी है। जिनमें काेराेना के लक्षण दिखाई देंगे, उनके सैंपल लेकर जांच कराई जाएगी। कुछ भी नहीं निकला तो उन्हें मुक्त कर दिया जाएगा। उधर, स्कीम 71 में कोरोनावायरस मरीज मिलते ही यहां के 5-7 परिवारों के 60 लोगों को रविवार रात को अक्षत और दस्तूर गार्डन में शिफ्ट किया गया है। अब इन लोगों को 14 दिन यहीं आइसोलेशन में रखा जाएगा।
(ग्राउंड रिपाेर्ट -5।अस्पतालों से।मैं नीता सिसौदिया। खतरों के बीच पत्रकारिता धर्म निभा रही हूं। क्योंकि मेरे परिवार के साथ भास्कर के लाखों पाठकों को भी मेरी सबसे ज्यादा जरूरत है।)
‘मैं सांस फूलने की तकलीफ के कारण बॉम्बे हॉस्पिटल में जांच करवाने गया था। फिर पता लगा कि कोरोना वायरस का संक्रमण हुआ है। बिलकुल नहीं डरा। इसमें डरने की क्या बात है? मैं तो अब ठीक हो गया हूं। अब अरबिंदो अस्पताल शिफ्ट कर दिया है।’ यह कहना है एक 68 वर्षीय मरीज का, जिन्हें 24 मार्च को पता चला था कि कोरोना वायरस का संक्रमण हुआ है। 8 से 14 मार्च तक वे और स्नेह नगर निवासी उनके 66 वर्षीय मित्र वैष्णो देवी की यात्रा पर गए थे। कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि के बाद उन्हें स्वास्थ्य विभाग ने निगरानी में लिया था। परिवार के लोगों के सैंपल लिए गए। अस्पताल के आईसीयू में कृत्रिम ऑक्सीजन भी दी गई। बाइपेप मशीन पर रखा गया। वे बताते हैं कि अब तो बेहतर हूं। घर का खाना खाऊंगा तो पहले की तरह सेहतमंद हो जाऊंगा। 8 दिन तक प्राइवेट हॉस्पिटल में रहा हूं। अब बुखार भी नहीं है। ऑक्सीजन की जरूरत भी नहीं पड़ रही है। डॉक्टर ने बोला है कि दोबारा से टेस्ट करेंगे। वह नेगेटिव आया तो फिर घर जाएंगे। यहां पर मेरे साथ मेरे दोस्त भी हैं। इसलिए मैं बिलकुल बोर नहीं होता हूं। एंजॉय कर रहा हूं। बीमारी से डरने की बजाय उससे लड़ना चाहिए।
70 वर्षीय वृद्धा को पता नहीं कि उन्हें कोरोना हुआ, निमोनिया समझकर इलाज करवाया, अब ठीक हुईं
खजराना क्षेत्र में रहने वाली 70 वर्षीय वृद्धा 26 मार्च को कोरोना संक्रमित पाई गई थीं। सुयश अस्पताल में इलाज चल रहा था। निमोनिया की शिकायत के चलते उन्हें भर्ती किया था। मामूली बुखार था लेकिन अब वह ठीक हो चुकी हैं। फल खा रही हैं। घर जाने के लिए कहती हैं। हालांकि उन्हें नहीं पता कि उन्हें कोरोना वायरस जैसे गंभीर संक्रमण ने जकड़ा था। वे यही समझ रही हैं कि उन्हें निमोनिया हुआ है। जल्द ही घर जाने वाली हैं। रविवार रात को उन्हें एमआर टीबी अस्पताल शिफ्ट किया गया। वह पूरी तरह ठीक हैं। परिवार के सदस्यों को भी बता रही हैं कि मैं ठीक हूं। अब मुझे घर आना है।
मेरी रिपोर्ट पॉजिटिव थी लेकिन मुझे कोई समस्या नहीं थी, अब अपनी दूसरी रिपोर्ट नेगेटिव आने का इंतजार है
बॉम्बे हॉस्पिटल में रानीपुरा निवासी 56 वर्षीय मरीज भी भर्ती हुआ। उसे कोई समस्या नहीं थी। बुखार आने के बाद जांच करवाई। रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई। रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर तत्काल आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया। हालांकि वे बताते हैं कि मुझे ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत नहीं हुई। अब बुखार भी नहीं है। परिवार के सभी सदस्यों की जांच करवाई गई थी। सभी की रिपोर्ट नेगेटिव है। रविवार रात को अन्य मरीजों की तरह मुझे भी एमआर टीबी अस्पताल शिफ्ट किया गया।
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