अंबिकापुर.हे मां ऐसा मत करो ना.., मां.. अभी मुझे इस दुनिया में आए हुए कुछ ही समय हुए हैं। फिर मुझे क्यूं इस तरह अकेला छोड़ दिया? मेरा क्या कसूर है? क्या मेरा इस दुनिया में आना तुझे अच्छा नहीं लगा? या फिर बेटियां सच में बोझ बन चुकी हैं? खैर मैं जिंदा हूं, और जिला अस्पताल के एसएनसीयू में भर्ती हूं, मां बनकर न सही, एक अटेंडर बनकर आ जाना, मैं किसी को नहीं बताऊंगी कि मुझसे मिलने तुम आईं थीं। ऐसी ही कुछ पुकार शायद एक दुधमुंही बच्ची की होगी।
दरअसल पटना थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत मुरमा से रकेया की ओर जाने वाली सड़क किनारे एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के घर के बाहर कार्टून में भरकर कोई नवजात बच्ची को छोड़ गया। गनीमत रही कि बच्ची के रोने की आवाज सुनकर आसपास के लोगों ने पुलिस को सूचित कर उसे बचा लिया। बच्ची को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने प्रारंभिक तौर पर बताया कि बच्ची अस्वस्थ है। बच्ची ढाई किलो की है। उसे एसएनसीयू में रखा गया है, जहां उसे ऑक्सीजन लगा हुआ है। अधिक रोने की वजह से उसकी सांसें भी उखड़ रहीं थीं। पुलिस ने इस संबंध में अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच कर रही है। रविवार को जब आंगनबाड़ी कार्यकर्ता फूलमती राजवाड़े सुबह 7 बजे सोकर उठी तो नवजात बच्ची के रोने की आवाज सुनकर घर से बाहर निकली। कार्टून में पड़ी बच्ची पर नजर पड़ी तो वह हड़बड़ा गई और इस बात की सूचना सरपंच उदय सिंह और मितानिन मीना राजवाड़े को फोन पर दी। तब तक कई लोग आंगनबाड़ी कार्यकर्ता फूलमती राजवाड़े के घर के पास पहुंचे। इसकी सूचना पटना थाना को मिलने पर थाना प्रभारी सत्य प्रकाश तिवारी और चाइल्ड लाइन के जिला समन्वयक गौरी शंकर सिंह भी पहुंचे और तत्काल बच्ची को जिला चिकित्सालय भेजा। सुबह करीब 8.15 बजे से बच्ची को एसएनसीयू में रखा गया है। अस्पताल स्टाफ बच्ची के स्वस्थ होने की कामना कर रहे हैं।
एक दिन की है बच्ची, हालत नाजुक
शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. भास्कर दत्त मिश्रा ने बताया कि बच्ची को जब लाया गया था उसके शरीर पर खून लगा था और शरीर ठंडा था, इससे मालूम चला कि बच्ची का जन्म आज सुबह या रात में ही हुआ है, वह अभी सुरक्षित है। वजन करीब ढाई किलो है। उसे सांस लेने में भी तकलीफ हो रही है इसलिए ऑक्सीजन लगाया है।
बैकुंठपुर में जीरो पर कायम हुआ अपराध
थाना प्रभारी पटना सत्य प्रकाश तिवारी ने बताया कि बैकुंठपुर में जीरो पर अपराध कायम किया गया है। डायरी आने पर यहां पर आईपीसी की धारा 317 पंजीबद्ध किया जाएगा। मामले की सूक्ष्म विवेचना की जा जाएगी। वहीं इस कृत्य को करने वाले को जल्द ही गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा।
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