सुप्रीम कोर्ट ने कहा- अदालतों का पूरी तरह शटडाउन संभव नहीं, वर्चुअल कोर्ट जल्द ही शुरू हो सकती हैं नई दिल्ली.सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने कहा है कि देश में बढ़ते कोरोनावायरस के संकट के चलते अदालतों को पूरी तरह से शटडाउन नहीं किया जा सकता है। वर्चुअल अदालतें जल्द ही शुरू होनी हैं। ऐसे में मौजूदा समय में केवल सीमित शटडाउन ही होगा। हालांकि, सीजेआई ने बार काउंसिल से अपील की कि विशेषज्ञों ने जो सुरक्षा उपाय बताए हैं, उनका पूरा पालन किया जाए। इसके बाद सोमवार सबुह सुप्रीम कोर्ट के बाहर थर्मल स्क्रीनिंग कराने के लिए लोगों की लंबी कतारें देखी गईं। जस्टिस डीवाय चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि वर्चुअल कोर्ट शुरू होनी हैं। लेकिन निचली अदालतों में यह काम कठिन है, क्योंकि वहां चुनौतियां अलग हैं। हमारा मानना है कि कोर्ट ऐसी जगह न बने, जहां से संक्रमण फैले। चीफ जस्टिस लगातार इस मुद्दे पर सभी हाईकोर्ट के संपर्क में हैं। हमने शुरुआती कदम उठाए हैं। अगला फैसला डिजिटल और वर्चुअल कोर्ट पर लिया जा सकता है। कैदियों के लिए जेलों में इंतजाम पर 20 मार्च तक जवाब मांगा शीर्ष अदालत ने कोरोना संकट के मद्देनजर जेलों में कैदियों के लिए इंतजामों पर स्वत: संज्ञान लिया। सभी राज्यों के मुख्य सचिव और जेल महानिदेशकों से 20 मार्च तक जवाब मांगा। कोर्ट ने कहा कि कुछ राज्यों ने कोरोनावायरस के खतरे को देखते हुए उपाय किए, लेकिन अब भी कई राज्यों ने उचित फैसले नहीं लिए हैं। जेले में क्षमता से अधिक कैदियों को रखने पर कहा- एक जगह भीड़ जुटना बड़ी समस्या है। यह संक्रमण फैलने का केंद्र बनेगा। इसके लिए गाइडलाइन जारी करनी की जरूरत है। आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें सुप्रीम कोर्ट। (फाइल) - News

Post Top Ad

Post Top Ad

सुप्रीम कोर्ट ने कहा- अदालतों का पूरी तरह शटडाउन संभव नहीं, वर्चुअल कोर्ट जल्द ही शुरू हो सकती हैं नई दिल्ली.सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने कहा है कि देश में बढ़ते कोरोनावायरस के संकट के चलते अदालतों को पूरी तरह से शटडाउन नहीं किया जा सकता है। वर्चुअल अदालतें जल्द ही शुरू होनी हैं। ऐसे में मौजूदा समय में केवल सीमित शटडाउन ही होगा। हालांकि, सीजेआई ने बार काउंसिल से अपील की कि विशेषज्ञों ने जो सुरक्षा उपाय बताए हैं, उनका पूरा पालन किया जाए। इसके बाद सोमवार सबुह सुप्रीम कोर्ट के बाहर थर्मल स्क्रीनिंग कराने के लिए लोगों की लंबी कतारें देखी गईं। जस्टिस डीवाय चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि वर्चुअल कोर्ट शुरू होनी हैं। लेकिन निचली अदालतों में यह काम कठिन है, क्योंकि वहां चुनौतियां अलग हैं। हमारा मानना है कि कोर्ट ऐसी जगह न बने, जहां से संक्रमण फैले। चीफ जस्टिस लगातार इस मुद्दे पर सभी हाईकोर्ट के संपर्क में हैं। हमने शुरुआती कदम उठाए हैं। अगला फैसला डिजिटल और वर्चुअल कोर्ट पर लिया जा सकता है। कैदियों के लिए जेलों में इंतजाम पर 20 मार्च तक जवाब मांगा शीर्ष अदालत ने कोरोना संकट के मद्देनजर जेलों में कैदियों के लिए इंतजामों पर स्वत: संज्ञान लिया। सभी राज्यों के मुख्य सचिव और जेल महानिदेशकों से 20 मार्च तक जवाब मांगा। कोर्ट ने कहा कि कुछ राज्यों ने कोरोनावायरस के खतरे को देखते हुए उपाय किए, लेकिन अब भी कई राज्यों ने उचित फैसले नहीं लिए हैं। जेले में क्षमता से अधिक कैदियों को रखने पर कहा- एक जगह भीड़ जुटना बड़ी समस्या है। यह संक्रमण फैलने का केंद्र बनेगा। इसके लिए गाइडलाइन जारी करनी की जरूरत है। आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें सुप्रीम कोर्ट। (फाइल)

नई दिल्ली.सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने कहा है कि देश में बढ़ते कोरोनावायरस के संकट के चलते अदालतों को पूरी तरह से शटडाउन नहीं किया जा सकता है। वर्चुअल अदालतें जल्द ही शुरू होनी हैं। ऐसे में मौजूदा समय में केवल सीमित शटडाउन ही होगा। हालांकि, सीजेआई ने बार काउंसिल से अपील की कि विशेषज्ञों ने जो सुरक्षा उपाय बताए हैं, उनका पूरा पालन किया जाए। इसके बाद सोमवार सबुह सुप्रीम कोर्ट के बाहर थर्मल स्क्रीनिंग कराने के लिए लोगों की लंबी कतारें देखी गईं।

जस्टिस डीवाय चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि वर्चुअल कोर्ट शुरू होनी हैं। लेकिन निचली अदालतों में यह काम कठिन है, क्योंकि वहां चुनौतियां अलग हैं। हमारा मानना है कि कोर्ट ऐसी जगह न बने, जहां से संक्रमण फैले। चीफ जस्टिस लगातार इस मुद्दे पर सभी हाईकोर्ट के संपर्क में हैं। हमने शुरुआती कदम उठाए हैं। अगला फैसला डिजिटल और वर्चुअल कोर्ट पर लिया जा सकता है।

कैदियों के लिए जेलों में इंतजाम पर 20 मार्च तक जवाब मांगा
शीर्ष अदालत ने कोरोना संकट के मद्देनजर जेलों में कैदियों के लिए इंतजामों पर स्वत: संज्ञान लिया। सभी राज्यों के मुख्य सचिव और जेल महानिदेशकों से 20 मार्च तक जवाब मांगा। कोर्ट ने कहा कि कुछ राज्यों ने कोरोनावायरस के खतरे को देखते हुए उपाय किए, लेकिन अब भी कई राज्यों ने उचित फैसले नहीं लिए हैं। जेले में क्षमता से अधिक कैदियों को रखने पर कहा- एक जगह भीड़ जुटना बड़ी समस्या है। यह संक्रमण फैलने का केंद्र बनेगा। इसके लिए गाइडलाइन जारी करनी की जरूरत है।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
सुप्रीम कोर्ट। (फाइल)


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/39XpXsI

No comments:

Post a Comment

Post Top Ad