चंडीगढ़ .ट्राईसिटी में एक ही दिन में 6 काेराेना पॉजिटिव मरीज सामने अाने के बाद हड़कंप मच गया है। बड़ी बात यह है कि नयागांव के 65 साल के मरीज की न ताे फॉरेन हिस्ट्री है और न शुरुआत में सिमटम थे। न ही वह किसी मरीज के संपर्क में आया है। बुजुर्ग के पॉजिटिव आने पर डॉक्टर भी हैरान हैं। इस केस में जीएमएसएच-16 और पीजीआई दोनों की चूक सामने आ रही है। क्योंकि उसका पहले कोरोना का टेस्ट ही नहीं किया गया। वहीं, सेक्टर-30 में दुबई से आए 22 साल के युवक की मां, दो दोस्तों की रिपोर्ट दो दिन बाद पाॅजिटिव आई है। इसमें मां की उम्र 42 साल और दो दोस्तों की उम्र 23-23 साल है। इनका जीएमसीएच-32 में इलाज चल रहा है। वहीं, सेक्टर-33 में कैनेडा से आए पति-पत्नी को भी कोरोना है। दोनों को जीएमसीएच-32 के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया था।
हमारे पास जब मरीज आया तो कोरोना के सिमटम नहीं थे: जीएमएसएच-16 के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट वीके नागपाल का कहना है कि हमारे पास मरीज 18 मार्च को आया था। उसे खांसी थी। डॉक्टर ने दवा देकर भेज दिया था। उसकेबाद 25 को आया, उसका एक्सरे किया तब भी उसमें ऐसे कोई सिमटम नहीं थे।
पहली चेन...दुबई से लौटने के15 दिन बाद हॉस्पिटल गया :दुबई से लौटा सेक्टर-30 का युवक रविवार को पॉजिटिव पाया गया था। 22 साल का मनप्रीत 11 मार्च को चंडीगढ़ अाया था। 26 मार्च को जीएमसीएच-32 में इलाज के लिए पहुंचा तो उसका कोरोना पॉजिटिव पाया गया। उसके संपर्क में अाए 81 लोगों को क्वारेंटाइन किया गया। हालांकि 15 दिन में वह किस-किस से मिला, इसका अभी पूरा ब्यौरा हेल्थ डिपार्टमेंट ढूंढ नहीं पाया है। यह केस भी कॉलोनी का था, जहां इसके फैलने के ज्यादा चांस हैं।
ये गलती न करता तो सब बच जाते...डॉक्टर्स से मिलता, 14 दिन तक घर में रहता
मनप्रीत अपनी मां के साथ 11 मार्च को दुबई से चंडीगढ़ आया था। हॉस्पिटल में जाने के बजाय मनप्रीत सेक्टर-29, 30 और मोटर मार्केट में घूमता रहा। दोस्तों से मिलता रहा। उसकी यही गलती कइयों पर भारी पड़ी। उसकी चेन से 3 को कोरोना हो चुका है। बाकी निगरानी में हैं। अगर दुबई से आने के बाद मनप्रीत हॉस्पिटल जाता और घर पर ही रहता तो शहर में केस नहीं बढ़ते। क्योंकि इसकी चेन बहुत लंबी हो सकती है। जहां वह रहता है, वहां छोटे मकान हैं और काफी भीड़भाड़ है।
बुजुर्ग का करते रहे स्वाइन फ्लू का टेस्ट, बाद में निकला काेरोना, अब 8 डॉक्टर, 22 नर्स और 5 अटेंडेंट क्वारेंटाइन
सोमवार सुबह पीजीआई एमरजेंसी में उस समय हड़कंप मच गया जब एमरजेंसी में नया गांव के 65 साल के मरीज की कोरोना की रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो उसके इलाज के दौरान संपर्क में आए डाॅक्टर्स व नर्सें डर गईं और मरीज को बिना समय गंवाए एमरजेंसी से सीडी वार्ड में भेजा गया। इस पर एमरजेंसी में जिन मरीजों का इलाज चल रहा था उनके अटेंडेंट भी घबरा गए। उन्हें भी इस बात का डर लगने लगा कहीं उन्हें भी काेराेना वायरस का इंफेक्शन न हो जाए।
इस मरीज जीएमएसएच-16 और पीजीआई में जिन-जिन डॉक्टर्स व पैरामेडिकल स्टाफ ने देखा था। उन्हें ट्रेस कर क्वारेंटाइन कर दिया गया। जीएमएसएच-16 के 3 डॉक्टर, 1 रेडियोलॉजिस्ट, 1 हॉस्पिटल अटेंडेंट और एक नर्स को क्वारेंटाइन किया गया है। पीजीआई में 17 नर्सिंग स्टाफ ओर 5 डॉक्टर, चार हॉस्पिटल अटेंडेंट्स और पांच सफाई असिस्टेंट को मिलाकर कुल 36 स्टाफ के लोगों को क्वारेंटाइन किया गया है। यानी दोनों हॉस्पिटल के कुल 38 स्टाफ को क्वारेंटाइन किया गया।
खांसी हाेने पर 18 मार्च को हॉस्पिटल आया तो दवाई देकर भेज दिया घर... नयागांव का 65 वर्षीय व्यक्ति 18 मार्च को जीएमएसएच-16 में खांसी की शिकायत के साथ खुद चलकर हॉस्पिटल आया। उसमें सिमटम न मिलने पर उसे खांसी व कुछ और दवाएं देकर घर भेज दिया गया। उसके बाद 25 को फिर यह बुजुर्ग 16 हॉस्पिटल आया। यहां पर उसका एक्सरे हुआ और हालत नाजुक देख उसे पीजीआई रैफर कर दिया गया। यहां पर जीएमएसएच-16 की चूक सामने आती है कोविड-19 की गाइडलाइन हैं कि अगर किसी व्यक्ति को रेस्पिरेटरी डिजीज या सांस लेने में दिक्कत आ रही है या उसे खांसी-जुकाम की शिकायत है तो उसे आइसोलेशन वार्ड में रखकर उसका कोरोना टेस्ट करवाया जाए। लेकिन यहां पर ऐसा नहीं किया गया मरीज कोसात दिन अधर में रखा गया।
इमरजेंसी वार्ड में भर्ती किया, यहां वायरस फैलता गया... पीजीआई में इस बुजुर्ग के जाने पर उसे संदिग्ध मान उसे इमरजेंसी वार्ड में रख लिया गया। बजाए उसका कोरोना टेस्ट करवाने के उसका स्वाइन फ्लू यानी एच1एन1 का टेस्ट करवाया गया। उस टेस्ट के नेगेटिव आने पर उसका कोरोना टेस्ट कराया गया। उसमें वह सोमवार को कोरोना पाजीटिव बताया गया। इस बात का पता चलते ही हॉस्पिटल के डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ घबरा गया। ऐसे में यह मरीज यहां घूम रहे मरीजों व अन्य लोगों को संपर्क में भी आया होगा। जिन्हें हेल्थ डिपार्टमेंट अभी ट्रेस नहीं कर पाया है।
शहर में कितने और किस-किसके हो रहे टेस्ट
- किन परिस्थतियों में हाेता है काेराेना का टेस्टडब्ल्यूएचओ और आईसीएमआर गाइडलाइन के मुताबिक...
किसका होता है टेस्ट...
- मरीज काे सूखी खांसी, तेज बुखार, डायबिटीज, हाईपरटेंशन, कार्डियोवेस्कुलर जैसे सिमटम मिलने पर ही कोविड-19 टेस्ट किया जाता है।
- जिनमें ये सारे लक्षण एकसाथ नहीं मिलते, उन्हें दवाई देकर घर पर 14 दिन के लिए क्वारेंटाइन कर दिया जाता है।
टेस्ट कहां...
- पीजीआई और जीएमसीएच-32 में फ्री
- 6 घंटे में आती है रिपोर्ट
- 12 टेस्ट एक दिन में हो सकते हैं। अगर मरीज ज्यादा आ जाएं तो इसके लिए सुविधा है।
बाहर 4500 रुपए में... प्राइवेट सेक्टर में सरकार ने सब्सिडाइज्ड दरों पर 4500 रुपए में टेस्ट करने को कहा है। अभी चंडीगढ़ में प्राइवेट टेस्ट की सुविधा नहीं है।
अब तक के आंकड़े... 91 लोगों के सैंपल लिए जा चुके हैं अभी तक पीजीआई में
- 13 की रिपोर्ट आई है पॉजिटिव
- 71 की रिपोर्ट नेगेटिव
- 7 की रिपोर्ट पेंडिंग
बाहर से आएं तो खुद करवाएं टेस्ट, पड़ोसी भी 112 पर दें सूचना...
शहर में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, क्योंकि कोरोना पेशेंट्स ने जरूरी एहतियात नहीं बरती। अगर आपके आसपास कोई बाहर से आया है तो उसकी सूचना तुरंत कंट्रोल नंबर पर दें, ताकि उसकी जरूरी जांच हो सके। इसके अलावा बाहर से आए शख्स की भी जिम्मेदारी बनती है कि वह खुद ही हॉस्पिटल जाए और अपनी ट्रैवल हिस्ट्री बताए। यदि वह ऐसा करेगा तो अपने परिवार, दोस्तों आैर कई दूसरों को बचा लेगा।
गलती पड़ेगी भारी...
मैकेनिक पर हो सकता है केस दर्ज... दुबई से आए मैकेनिक ने न तो खुद को होम क्वारेंटाइन किया था और न ही तबीयत खराब होने से पहले स्वास्थ्य विभाग के पास गया। वह कई लोगों से मिलता भी रहा। इस वजह से उससे 3 लोगों में कोरोना वायरस फैल गया। इसलिए पुलिस मैकेनिक पर लापरवाही बरतने का केस दर्ज कर सकती है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2vWWIHM
No comments:
Post a Comment